Monday, June 14, 2010

मैं और मेरी तन्हाई

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मैंने जब से लिखना शुरू किया तब से आज तक बस यही सोचता रहा कि मैं आख़िर लिखता क्यू हो.

मैं शायद 16 साल का था तबसे कबिता लिखता रहा हो आज पता लगा की मैं और मेरी कलम

क्या कर सकती है. काफ़ी दिनो आप सभी के ब्लॉग्स पड़े अच्छा लगा खुशी होती है अच्छे ब्लॉग्स पड़कर.

आशा करता हो कि मेरे ब्लॉग्स आपको पसंद आएगे और मेरी कबिता भी,आगे .................

जल्दी ही मिलते है........